वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

“GANESH JI और आलस्य की पराजय”
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Ganesh Ji Ki Kahani in Hindi : सुखमय गांव
प्राचीन काल में, एक सुंदर गांव था। जिसका नाम गणेशपुर था वहां के लोग बहुत खुशी-खुशी रहते थे और उनका जीवन बहुत सुखमय था।
Ganesh Ji Ki Kahani : बुद्धिमान और न्यायप्रिय आदमी
गणेशपुर गांव में एक नीरज नाम का आदमी भी रहता था जो बहुत ही बुद्धिमान और न्यायप्रिय आदमी था, बुद्धिमान और न्यायप्रिय होने के कारण नीरज समस्त गांव को संचालित किया करता और सभी की चिंताओं का समाधान किया करता था।
गांव के पास एक वृक्ष था, जिसके नीचे एक Shivling था। गांव के लोग इस पेड़ और Shivling की हर रोज सुबह पूजा करते थे और हर साल महाशिवरात्रि के दिन इस वृक्ष के नीचे आकर भगवान शिव की पूजा करते और महा शिवरात्रि के इस पर्व को सब मिलकर बहुत धूम धाम से मनाते।
Ganesh Ji Ki Kahani : आलस्य का साया

गांव में एक युवक भी रहता था जिसका नाम अजय था। वह बहुत ही आलसी और अकारण आलसी था। उस्की दिन चरिया रात को जागने और दिन भर सोने में ही गुजर जाता था। अजय के माता-पिता अजय की आलस्य से बहुत परेशान थे और उन्होंने कई बार अजय से बात की, परंतु अजय की आलस्य दिन पे दिन बढ़ती ही जा रही थी।
Ganesh Ji Ki Kahani : गांव की सभा
अजय की आलस्य से परेशान हो कर उसके माता पिता ने गाँव के सबसे बुद्धिमान और न्यायप्रिय व्यक्ती नीरज से सहायता मांगी और सहायता के अनुरूप में नीरज ने उसी दिन, गांव में एक सभा बुलवाई और सारे गांव को निमंत्रण भेजा | निमंत्रण से सभी गांव के लोग उपस्थित हो गए।
अजय ने भी सभा में भाग लिया और वहां बैठकर धूम्रपान करने लगा। उसका व्यवहार बेहद उदासीन था और उसकी आलस्य की सीमा पार हो चुकी थी।
Ganesh Ji Ki Kahani : एक अद्वितीय समाधान
नीरज ने अजय की आलस्य एक ऐसा समाधान प्रस्तुत किया जिसने सभी को हैरान कर दिया। नीरज ने कहा, “हमारे गांव के पास एक विशेष वृक्ष है जिसके नीचे भगवान शिव का प्रतिमा है। हम इसे बहुत महत्व देते हैं और महाशिवरात्रि के दिन इसकी पूजा करते हैं। इस वृक्ष की सुरक्षा और सफाई हम सभी की जिम्मेदारी है। और आज से वृक्ष की सुरक्षा और सफाई अजय की जिम्मेदारी है।
समाधान सुनते ही अजय ने इस समाधान को तान मारा और कहा, “यह सब बकवास है! मैं क्यों इस वृक्ष की देखभाल करूँ? मैं तो अपने आराम से जीना पसंद करता हूँ।
सभी लोग अजय की इस बात से चौंक गए और उसे गुस्सा करने लगे । नीरज ने अजय को समझाया और कहा यह हम सभी का दायित्व है और हमें इसका पालन करना होगा।
अजय ने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसने अपनी आलस्य बढ़ा दी। और उसने वृक्ष की सुरक्षा और सफाई का काम नहीं किया।
Ganesh Ji Ki Kahani : गणेश चतुर्थी के दिन

फिर एक दिन, गणेश चतुर्थी के दिन आया, गांव में बड़ा उत्सव मनाया गया। लोग खुश थे और बड़ी धूमधाम से गणेश चतुर्थी का त्योहार मना रहे थे।
गांव के नीरज ने भी गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए सबको बुलाया। सभी लोग उपस्थित हो गए और ध्यानपूर्वक गणेश जी की पूजा करने लगे।
अजय भी मौजूद था, परंतु उसकी आँखों में आलस्य की चमक थी। वह बार-बार यह सोचता रहा कि वह क्यों इतना काम कर रहा है और उसे गणेश चतुर्थी की पूजा क्यों करनी चाहिए।
Ganesh Ki Kahani : गणेश जी का आगमन

गणेश चतुर्थी की रात, जब सभी लोग सो गए, अजय ने सपने में गणेश जी के स्वरूप को देखा। गणेश ने सपने में अजय से कहा, “अजय, तुम्हारी आलस्य की वजह से तुम्हारे माता पिता और गांव में कई समस्याएँ हो रही हैं। आलस्य एक बुरी आदत है और तुम्हें इससे छुटकारा पाना होगा।
वरना तुम्हें इसके दुष्परिणाम झेलने होंगे ये भगवान गणेश का कथन है जो कभी जूठा नहीं हो सकता, अजय थोड़ा चौंका पर फिर सोचा, “गणेश जी सही कह रहे हैं। मुझे अपनी आलस्य को दूर करना होगा।
Ganesh Ki Kahani : अजय का संकल्प
अगला दिन अजय ने अपने दिन की शुरुआत गणेश जी की पूजा से की। वह हर दिन गणेश जी की पूजा करता और उनके आशीर्वाद का आग्रह करता।
उसने आलस्य को अपने जीवन से बाहर कर दिया और अपने कार्यों में पूरी मेहनत और समर्पण दिखाया। उसकी मेहनत ने गांव को बड़े संकट से बचाया और सभी को एक साथ लाने में मदद की।
और अब प्रति दिन अजय सुबह उठ के शिवलिंग की सेवा करना, गणेश जी के पूजा करना, माता पिता का ख्याल रखना और हर जरुरत मंद के मदद करना और आलस्य को अपने पास भी नहीं आने देना के उपदेश का पालन करने लगा।
Ganesh Ji Ki Kahani : गणेश जी का आशीर्वाद
गणेश जी ने अजय की प्रार्थना सुनी और उसे अपना आशीर्वाद दिया। वह बोले, “तुमने अपनी आलस्य की पराजय के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाया है। अब से तुम्हारा जीवन सफल होगा और तुम सभी के लिए एक आदर्श बन जाओगे।”गणेश जी ने अजय की मेहनत और आलस्य के परिणामस्वरूप उसे बड़ा आशीर्वाद दिया और उसके जीवन को सुखमय बना दिया।

Ganesh Ji Ki Kahani : गणेश जी का संदेश
गणेश जी ने लोगों को यह सिखाया कि आलस्य की पराजय केवल संकल्प और संघर्ष से ही संभव है। गणेश जी ने लोगों को यह भी याद दिलाया कि उन्हें अपने माता-पिता की सुननी चाहिए और सभी के साथ मिलकर सब को सुखमय बनाने का काम करना चाहिए।गणेश जी की कहानी हमें आदर्श और मार्गदर्शन प्रदान करती है, जो हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है।
ॐ गं गणपतये नमः
ॐ गणेशाय नमः